New Tareef Shayari for Boyfriend

अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर।
आज आइना दे कर उसे, पूरा चाँद दिखा दिया..!!
हुआ है दिल को सुरूर-ए-शराब बरसों में,
निगाह-ए-मस्त से उसकी हुआ ये हाल मेरा,
कि जैसे पी हो किसी ने शराब बरसों में।
कुछ यूं चर्चे हैं तेरी आँखों के।
Best Tareef Shayari in Hindi for Girlfriend

खुशी दुगनी होती है जब उसे कॉपी पेस्ट में देखता हूं..!!
लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,
कोई नज़र न लगा दे।
कि तुझे भी मेरे जज़्बात का पता चले,
दिल करता है चाँद को खड़ा कर दूं तेरे आगे,
जरा उसे भी तो अपनी औकात का पता चले।
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें, पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी..!!
Tareef Shayari for Beautiful girl in Hindi

ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम।
जुल्फें ये तुम्हारी बादल की याद दिला दें,
नज़र भर देख लो जो किसी को,
नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए..!!
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो..!!
सादगी तेरी जैसी पर कहीं देखी नहीं मैंने घूमके हर बाजार देखे हैं…
Tareef Shayari in Hindi for Girl

वो लफ्ज़ ही नहीं, जो तेरा हुस्न को बयां कर सकें..!!
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
हटाओ पर्दा दिखाओ चाँद का टुकड़ा हल चल मच जाए दिल के वीराने में…
कौन कहता है की, तस्वीरें जुआ नहीं खेलती..!!
Tareef Shayari in two lines

अपनी ही तस्वीर को सौ दफ़े देखा मैंने..!!
चाँद छुप जायेगा देख कर आप को..!!
मगर तेरा ज़िन्दगी भर का साथ खुदा से माँगना अच्छा लगता है।
Tareef Shayari for girl

उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया..!!
एक तो तेरी कातिल नज़र
और
उस पर काज़ल का कहर।
और वो आँखों से गज़ल कह गए।
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
Khubsurti ki Tareef Shayari in Hindi

उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ..!!
तुझे देखूं तो कुछ रातें सुहानी याद आती हैं।
इस आधे चांद को हमारे प्यार से पूरा करें !!❤❤
कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद..!!
हम पास तुम्हें कुछ इस कदर रखते है….
Hindi Shayari on Beauty

ना जाने हश्र क्या होगा अगर वो मुस्कुराये तो।
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आंखों से आकर,
पूछो कितने लाजवाब हो तुम..!!
अब खौफ ना कोई अंधेरों के सफ़र से,
वो बात है तुझ में कोई तुझ सा नहीं है,
कि काश कोई देखे तुझे मेरी नजर से।
हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती…!!
Tareef Status In Hindi

अब शरीफ बन रहे है वो ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है..!!
पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा…!!!
कोई हमारी मौत की “अफ़वाह” तो फैलाओ यारों..!!
बनाना है तो अपना साया बनाओ, कभी साथ ना छोड़ेंगे तुम्हारा
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए..!!
मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ
पर मेरे वजूद में जो चाँद सिमटा है वो बेदाग है।
कुछ यूं चर्चे हैं तेरी आँखों के..!!
उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया।
एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाये।
Husn Ki Tareef Shayari In Hindi

कि तुझे भी मेरे जज़्बात का पता चले,
दिल करता है चाँद को खड़ा कर दूं तेरे आगे,
जरा उसे भी तो अपनी औकात का पता चले..!!
चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ… मैं चाँद हूँ…।
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ।
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम..!!
कहीं तू उर्दू का कोई हसीन लफ्ज़ तो नहीं।
जो दिल जलाये बोहोत फिर भी दिल-रुबा ही लगे..!!
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
कौन है ज़मीं पे, जो परियों से भी प्यारा है..!!
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू…
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता।
नूर भी, गुरुर भी, दूर भी..!!
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो
कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में..!!
जुल्फें ये तुम्हारी बादल की याद दिला दें,
नज़र भर देख लो जो किसी को,
नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए।
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
फिर खयाल आया, कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए..!!
न तुम छत पर शाम को जाना,
कहीं कोई ईद ना करले सनम,
अभी रमज़ान बांकी है।
फूल जैसे एक बदन को छू कर आई थी हवा।
कि सब हसीनों में चेहरा गुलाब है उसका,
तलाश मैंने किया हर मकाम पर लेकिन,
कहीं भी कोई सानी न जवाब है उसका।