Top 100 Lord Shiva Quotes in Hindi | शिव सोमवार स्टेटस

आज सोमवार है, हर हर महादेव, aaj somwar hai, shiva mondey status and quotes in hindi, Best Shiva Status in hindi, mahadev status, shiva mantra, Banner Wishes

Explore 100+ Lord Shiva quotes in Hindi with beautiful images and inspiring messages. These quotes will help you to connect with the supreme power and wisdom of Mahadev, the destroyer of evil and the source of bliss. Read and share these Shiva quotes with your friends and family and spread the blessings of Bholenath.

Lord Shiva is one of the most revered and powerful deities in Hinduism. He is the supreme lord of the universe, the destroyer of evil, and the source of all creation. He is also known as Mahadeva, Nataraja, Bholenath, Shankara, and many other names. He is worshipped by millions of devotees who seek his blessings, protection, and guidance.

Shiva is also the embodiment of wisdom, compassion, and detachment. He teaches us how to live in harmony with nature, how to overcome our ego and ignorance, and how to attain liberation from the cycle of birth and death. He is the master of yoga, meditation, and tantra, and the giver of the sacred mantra Om Namah Shivaya.

In this blog post, we will share with you some of the most inspiring and beautiful quotes of Lord Shiva in Hindi, along with their meanings and sources. These quotes are taken from various scriptures, hymns, songs, and poems that praise and glorify Shiva. They will help you to understand his attributes, his grace, and his love for his devotees. They will also help you to invoke his presence in your life and to experience his bliss and peace.

Lord Shiva Quotes in Hindi

Shivo’ham shivo’ham shivah svarupam.
Nityo’ham shuddho’ham buddho’ham mukto’ham.

I am Shiva, I am Shiva, Shiva is my true nature. I am eternal, I am pure, I am enlightened, I am free.

Adi Shankaracharya

Namami shamishan nirvanarupam Vibhum vyapakam brahmavedasvarupam.
Nijam nirgunam nirvikalpam niriham Chidakashamakashavasam bhaje’ham.

I bow to Shiva, the lord of peace, the form of bliss, The all-pervading, the essence of the Vedas, the supreme Brahman. The self-existent, the attributeless, the transcendent, the desireless, The consciousness-space, the space-dweller, I worship him.

Adi Shankaracharya

Shivah bhutva shivam yajet.

Become Shiva and worship Shiva.

Shiva Purana

Shivam shantam advaitam cha chaturtham manyante sa atma.

Shiva, peace, non-duality, and the fourth state, these are considered as the self.

Mandukya Upanishad

Shivo nama paramam shantirupam Shivo nama paramam jnanarupam. Shivo nama paramam premarupam Shivo nama paramam dhyanarupam.

The name of Shiva is the supreme form of peace, The name of Shiva is the supreme form of knowledge. The name of Shiva is the supreme form of love, The name of Shiva is the supreme form of meditation.

Shiva Mahimna Stotram

Om Namah Shivay: Shiva Quotes in Hindi

"aaj devo ke dev mahadev bhagwan ka sabse priy din hai, aaj somvar hai", best shiva quotes in hindi, om namah shivay

किसी से रखा नही अब मैंने कोई वास्ता,
शिव ही मेरी मंज़िल और शिव ही मेरा रास्ता।
हर हर महादेव

Bholenath Somwar Quotes in Hindi

aaj somvar hai quotes, shivling status in hindi, best shiva quotes in hindi,

Shiva Quotes in Hindi for Somwar Status

shiva somwar quotes, shiva quotes in hindi

Bhole Bala Quotes in Hindi for Somwar Status

bhole baba shiva quotes in hindi

Aaj Somwar Hai: Shiva Quotes in Hindi

parvati shiva quotes in hindi with ganesh

Har Har Mahadev Shiva Quotes

shiva quotes in hindi

Mahadev Shiva Quotes in Hindi

mahadev shiva quotes in hindi

Har Har Mahadev Shiva Quotes in Hindi

har har mahadev shiva quotes in hindi

Shiva Mantra Quotes: Har Har Mahadev Status

shiva mantra and shiva quotes in hindi

Best Shiva Quotes in Hindi

shiva quotes in hindi and om namah shivay status

शिव पंचाक्षर स्तोत्र [ Shiv Panchakshar Stotram ]

प्रसिद्ध शिव पंचाक्षर स्तोत्र शिव और पांच पवित्र अक्षरों की शक्ति, न-म-शि-वा-य की स्तुति करता हैं । इस स्तोत्र के रचयिता श्री आदि शंकराचार्य जी हैं जो महान शिव भक्त, अद्वैतवादी, एवं धर्मचक्रप्रवर्तक थे। सनातनी ग्रंथ एवं विद्वानों के अनुसार वे भगवान शिव के अवतार थे। इनके विषय में कहते हैं –

अष्टवर्षेचतुर्वेदी, द्वादशेसर्वशास्त्रवित् षोडशेकृतवान्भाष्यम्द्वात्रिंशेमुनिरभ्यगात्

आदि शंकराचार्य के विषय में

आठ वर्ष की आयु में चारों वेदों में निष्णात हो गए, बारह वर्ष की आयु में सभी शास्त्रों में पारंगत, सोलह वर्ष की आयु में शांकरभाष्य तथा बत्तीस वर्ष की आयु में शरीर त्याग दिया।

शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय पर आधारित है।

न – पृथ्वी तत्त्व का
म – जल तत्त्व का
शि – अग्नि तत्त्व का
वा – वायु तत्त्व का और
य – आकाश तत्त्व का प्रतिनिधित्व करता है।

shiva, shankar, bholenath, mahadev, bhole baba

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।1

जिनके कण्ठ में सर्पों का हार है, जिनके तीन नेत्र हैं, भस्म ही जिनका अंगराग है और दिशाएँ ही जिनका वस्त्र हैं अर्थात् जो दिगम्बर (निर्वस्त्र) हैं ऐसे शुद्ध अविनाशी महेश्वर न कारस्वरूप शिव को नमस्कार है॥1॥

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।2

गङ्गाजल और चन्दन से जिनकी अर्चना हुई है, मन्दार-पुष्प तथा अन्य पुष्पों से जिनकी भलिभाँति पूजा हुई है। नन्दी के अधिपति, शिवगणों के स्वामी महेश्वर म कारस्वरूप शिव को नमस्कार है॥2॥

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।3

जो कल्याणस्वरूप हैं, पार्वतीजी के मुखकमल को प्रसन्न करने के लिए जो सूर्यस्वरूप हैं, जो दक्ष के यज्ञ का नाश करनेवाले हैं, जिनकी ध्वजा में वृषभ (बैल) का चिह्न शोभायमान है, ऐसे नीलकण्ठ शि कारस्वरूप शिव को नमस्कार है ॥3॥

वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।4

वसिष्ठ मुनि, अगस्त्य ऋषि और गौतम ऋषि तथा इन्द्र आदि देवताओं ने जिनके मस्तक की पूजा की है, चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र हैं, ऐसे  कारस्वरूप शिव को नमस्कार है॥

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।5

जिन्होंने यक्ष स्वरूप धारण किया है, जो जटाधारी हैं, जिनके हाथ में पिनाक धनुष है, जो दिव्य सनातन पुरुष हैं, ऐसे दिगम्बर देव  कारस्वरूप शिव को नमस्कार है॥5॥

पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

जो शिव के समीप इस पवित्र पञ्चाक्षर स्तोत्र का पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी के साथ आनन्दित होता है।

subscribe our blog

शिव रुद्राष्टकम् स्तोत्र [ Shiv Rudrashtakam Stotram ]

श्री रुद्राष्टकम् स्तोत्र तुलसीदास द्वारा भगवान् शिव की स्तुति हेतु रचित एवं प्रथम गायित है। इसका उल्लेख श्री रामचरितमानस के उत्तर कांड में आता है। तुलसीदास कलियुग के कष्टों का वर्णन करते हैं और उससे मुक्ति के लिये इस स्तोत्र का पाठ करने का सुझाव देते हैं। यह जगती छंद में लिखा गया है |

शिव को समर्पित यह स्तोत्र तुलसीदास की रामचरितमानस से लिया गया है।

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥

हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निजस्वरूप में स्थित, भेद रहित, गुणों से रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप एवं आकाश को ही वस्त्र रूप में धारण करने वाले दिगंबर (अथवा आकाश को भी आच्छादित करने वाले) शिवजी मैं आपको भजता हूँ, नमस्कार करता हूँ।

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥

निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय (तीनों गुणों से अतीत), वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूँ।

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥

जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चन्द्रमा और गले में सर्प सुशोभित हैं।

चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥

जिनके कानों में कुण्डल शोभा पा रहे हैं, सुन्दर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकण्ठ और दयालु हैं। सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं; उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूँ।

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥

प्रचंड (रूद्र रूप ), श्रेष्ठ तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोडों सूर्य के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों (दुःखों) को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किए, भाव (प्रेम) के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्री शंकरजी को मैं भजता हूँ।

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥

कलाओं से परे, कल्याण स्वरूप, कल्प का अंत (प्रलय) करने वाले, सज्जनों को सदा आनंद देने वाले, त्रिपुरासुर के शत्रु, सच्चिदानन्दघन, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालनेवाले, हे प्रभो, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए

न यावत् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥

जब तक मनुष्य श्रीपार्वतीजी के पति के चरणकमलों को नहीं भजते, तब तक उन्हें न तो इहलोक में, न ही परलोक में सुख-शान्ति मिलती है और अनके तापों (कष्टों) का भी नाश नहीं होता है। अत: हे समस्त जीवों के हृदय में निवास करने वाले प्रभो, प्रसन्न होइए।

न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ ८॥

मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही, हे शम्भो! मैं तो सदा-सर्वदा आप को ही नमस्कार करता हूँ। हे प्रभो ! बुढ़ापा तथा जन्म के दु:ख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु:खों से रक्षा कीजिए। हे शम्भो, मैं आपको नमस्कार करता हूँ।

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥

भगवन रूद्र की स्तुति का यह अष्टक शंकर जी की प्रसन्नता के लिए कहा गया। जो मनुष्य इस स्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं, उन पर शम्भु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।

॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

हर हर महादेव ।। शिव शम्भु ।। ॐ नमः शिवाय: ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:।।

संदर्भ: गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस। उत्तर काण्ड। १०७

Mahakal Quotes in Hindi

mahakal shiva quotes in hindi

Follow on Pinterest


Discover more from Banner Wishes

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

2 thoughts on “Top 100 Lord Shiva Quotes in Hindi | शिव सोमवार स्टेटस”

  1. Pingback: 151+ Bad Boy Status in Hindi | Best Attitude Status - Banner Wishes

  2. Pingback: 151+ 🔴 Dadagiri Status and Attitude Status in Hindi 🔴 दादागिरी

Leave a Reply

Scroll to Top

Discover more from Banner Wishes

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading