कमियाँ तो बहुत है मुझमे, पर कोई निकाल कर तो देखे.
गुस्से में बोला गया एक भी शब्द इतना जहरीला होता है कि प्यार से बोले हज़ार शब्दों को नष्ट कर देता है.
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं.
हराकर कोई जान भी ले ले, मुझे मंजुर है, पर धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता.
मत पूछना मेरी शख्सियत के बारे में हम जैसे दिखते है वैसे ही लिखते है
मुझे गुस्सा आता नहीं आ जाये तो फिर जाता नहीं
हम भी दरिया है, हमे अपना हुनर मालूम हे, जिस तरफ भी चल पडेंगे, रास्ता हो जायेगा.
हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है,हमउमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है.
रोता वही है जिसने महसूस कि हो सच्ची मोहब्बत को वरना मतलब के रिश्तें रखने वाले को तो कोई भी नही रूला सकता।
क्रोध पर यदि काबू किया जाये, तो वह जिस चोट के कारण उत्पन्न हुआ उससे से कहीं ज्यादा हानि पहुंचा सकता है।