मूर्ख स्त्री पति को गुलाम बनाकर खुद ही गुलाम की पत्नी बन जाती है, लेकिन बुद्धिमान स्त्री पति को बादशाह बना कर रानी बन जाती है.
मनुष्य का असली चरित्र तब सामने आता है… जब वो नशे में होता है… फिर नशा चाहे धन का हो, पद का हो, रूप का हो या शराब का…
खुशी कार से नहीं प्यार से मिलती है
उड़ा देती है नींदे भी कुछ ज़िम्मेदारियां घर की, देर रात तक जागने वाला हर शख्स आशिक़ नही होता…
किसी के अंदर ज्यादा डूबोगे तो टूट जाओगे.. यकीन ना हो तो बिस्किट से पूछ लो..
जिस कॉपी पर सब विषयों को संभालने की जिम्मेदारी होती है, वो अक्सर रफ़ कॉपी बन जाती है !! परिवार में जिम्मेदार इन्सान का भी यही हाल होता है !!
पुराने लोग भावुक थे, तब वो संबंध को संभालते थे… बाद मे लोग प्रॅक्टिकल हो गये, तब वो संबंध का फायदा उठाने लग गए… अब तो लोग प्रोफेशनल हो गए, फायदा अगर है तो ही संबंध बनाते है
मैंने बहुत से इंसान देखे है, जिनके बदन पर लिबास नही होता… मैंने बहुत से लिबास देखे है,जिनके अंदर इंसान नही होता… कोई हालात नही समझता, कोई जज़्बात नही समझता… ये तो बस अपनी अपनी समझ है, कोई कोरा कागज़ पढ़ लेता है, और कोई पूरी किताब नही समझता…
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता, बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता, है जो पास उसे संभाल के रखना, खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता
*अमूल्य संबंधों की तुलनाकभी धन से न करें।* *क्योंकि धन दो दिन काम आयेगा, जबकि संबंध उम्र भर काम आयेंगे.
गीता मे लिखा है, अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वो नहीं, बल्कि अच्छे आप हो. क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली “नजर” आपके पास है
सुख चाहते हो तो रात में जागना नहीं.। शांति चाहते हो तो दिन में सोना नहीं.। सम्मान चाहते हो तो व्यर्थ बोलना नहीं.। प्यार चाहते हो तो अपनों को छोडना नहीं.।
भविष्य में आने वाली मुसीबतो के लिए धन एकत्रित करें। ऐसा ना सोचें की धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी? जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित धन भी तेजी से घटने लगता है।